Welcome to Vikalp

Together we create Our Own Future

Latest Posts

‘हसदेव बचाओ, जंगल कटने से सबका नुक़सान’ : दिल्ली पहुंच आदिवासियों ने की अपील
हसदेव के लिए संघर्ष कर रहे लोग ऐसा नहीं है कि पहली बार अपनी अपील लेकर दिल्ली पहुंचे हो वो समय-समय पर दिल्ली में दस्तक देते रहे हैं। साल के शुरुआत में 2 जनवरी 2024 को 'प्राकृतिक संसाधनों की कॉरपोरेट लूट को बंद करो' की मांग को लेकर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में एक पब्लिक मीटिंग रखी गई जिसमें हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के उमेश्वर सिंह आरमो, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े आलोक शुक्ला, पर्यावरण कार्यकर्ता प्रफुल्ल सामंतरे, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के वकील सुदीप श्रीवास्तव, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट प्रशांत भूषण, वरिष्ठ पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नंदिनी सुंदर, राजस्थान के एमएलए थावर चंद मीणा ने हिस्सा लिया।

मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच जारी जातीय हिंसा के कारण मणिपुर की जीवनरेखा एनएच-2, 3 मई को लगभग दो महीने तक अवरुद्ध रही थी। केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से, पिछले महीने नाकाबंदी वापस ले ली गई थी।
मणिपुर में एक बार फिर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां कुकुी गुट ने दो प्रमुख राजमार्गों इंफाल-दीमापुर (एनएच-2) और इंफाल-जिरीबाम (एनएच-37) की अनिश्चितकालीन नाकेबंदी शुरू कर दी है। इसके साथ ही कुकी गुट ने प्रतिद्वंद्वी समुदाय मैतेई पर पर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित करने का आरोप लगाया है। बता दें, कुकी गुट पहाड़ी इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध और पर्याप्त आपूर्ति की मांग कर रहा है।सीओटीयू के महासचिव लैमिनलुन सिंगसिट ने कहा, हमने पहले एक अल्टीमेटम दिया था कि अगर खाद्यान्न, आवश्यक वस्तुओं और जीवन रक्षक दवाओं की निर्बाध और पर्याप्त आपूर्ति नहीं की गई तो हम 21 अगस्त से एनएच-2 और एनएच-37 दोनों को अवरुद्ध कर देंगे।

28 जुलाई से 3 अगस्त तक शहादत दिवस मनाएंगे नक्सली:पार्टी विरोधी कार्य करने पर जोनल सचिव प्रमोद वर्णवाल, मदन राय को संगठन से किया निष्कासित
नक्सली संगठन ने शुक्रवार को पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी भाकपा माओवादी संगठन के प्रवक्ता प्रतीक ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए 28 जुलाई से 3 अगस्त तक पार्टी की शहादत दिवस सप्ताह मनाने का ऐलान किया है। साथ ही प्रेस रिलीज के जारी करते हुए भाकपा माओवादी संगठन के प्रवक्ता प्रतीक ने बताया कि संगठन के जेबी जोनल सचिव प्रमोद वर्णवाल और जोनल सदस्य मदन राय को पार्टी विरोधी कार्य करने और पुलिस की मुखबिरी करने के मामले में दोषी पाया गया है।

हिडमे मरकाम को किया गया रिहा, पुलिस नहीं कर पाई आरोपों को साबित
बस्तर, घने जंगलों से आच्छादित छत्तीसगढ़ राज्य का बड़ा संभाग जिसकी 70 प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है, इस पूरे क्षेत्र में गोंड, मारिया, भतरा, मुरिया, हल्बा, धुरुवा जैसे कई जनजातियां रहती हैं। यह क्षेत्र ओड़िशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमाओं से सटी हुई है। परंतु क्या यह क्षेत्र अपने खूबसूरत झरनों, पहाड़ों, और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है? नहीं, बस्तर विख्यात है नक्सली घटनाओं, पुलिस अत्याचारों, आदिवासी आंदोलनों के वजहों से। जैसे ही आप बस्तर संभाग में घुसते हैं प्रत्येक चार से पांच किलोमीटर पर आपको पुलिस/ CRPF के कैंप देखने को मिलेंगे। दूर गांवों और जंगलों तक में बड़ी-बड़ी छावनियां बनी हुई हैं।

नारायणपुर में बड़गांव पहाड़ी, बड़गांव पहाड़ी बचाने प्रदर्शन, तीर-धनुष लेकर धरने पर ग्रामीण
जिले के ग्रामीण एक बार फिर विरोध के मूड में आ गए हैं। दरअसल, ओरछा मार्ग के ग्राम पंचायत बड़गांव के आश्रित गांव लसुनपदर में राजपुर धनोरा धुरबेड़ा कुमारी बेड़ा ब्रेहबेड़ा सहित दर्जनों गांवों के सैकड़ों ग्रामीण प्रशासन के खिलाफ इकट्ठा हुए हैं। ये ग्रामीण बड़गांव पहाड़ी को बचाने के लिए ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे हैं। ये आदिवासी अपने पारंपरिक हथियार तीर धनुष, कुल्हाड़ी लेकर बड़गांव पहाड़ी को बचाने के लिए पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं। बड़गांव पहाड़ी को शासन ने निजी कंपनी को लीज पर दे दिया आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को कहा है कि बड़गांव पहाड़ी को शासन ने किसी निजी कंपनी को लीज पर दे दिया है। बहुत जल्द पहाड़ी से लौह अयस्क खनन का कार्य शुरू हो जाएगा। लौह अयस्क खनन शुरू होने से हमारे गांव में पुलिस कैम्प भी स्थापित कर दिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को परेशानी होगी। जल जंगल जमीन में हम आदिवासियों का अधिकार है। इसे सरकार हमारी अनुमति के बिना निजी कंपनी को दे रही है। पहाड़ी में हमारे पुरखों के देवी-देवताओं का वास है।