14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत हुयी। ये महापंचायत SKM यानि कि सयुंक्त किसान मोर्चा के द्वारा बुलाई गयी थी। इसी महापंचायत के दौरान किसान नेता डॉ दर्शन पाल का किसान आंदोलन व वर्त्तमान राजनितिक परिदृश्य पर इंटरव्यू

प्रश्न. आज कि महा पंचायत में मुख्य क्या क्या मुख्य फैसले लिए गए?
उत्तर आज जो किसानों के मुद्दे थे जो पिछले आंदोलन के दौरान पैडिंग थे जैसे कि MSP का कानून, किसान कर्जा मुक्ति, लखीमपुर खीरी के आरोपी अजय मिश्र टेनि पर उचित कानूनी कार्यवाही, तथा कुछ नए मुद्दों को सम्मिलित करके ये महा पंचायत बुलाई गयी थी। जिसमे देश भर से किसान आये, किसान लीडर आये उन्होंने इसी सब पर अपनी बात रखी
। इस महा पंचायत में मुख्य रूप से फैलसे लिए गए और कुछ प्रस्ताव पारित किये जैसे कि 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु का शहादत दिवस बड़े पैमाने पर किसान संगठन अपनी अपनी जगहों पर मनाएंगे। किसान आंदोलन को तेज व मजबूत किया जायेगा। दूसरा भाजपा, आरएसएस का जो इंडियन डेमोक्रेसी पर हमला है उसका विरोध किया जायेगा। उसके साथ ही अगर कुछ दिनों में इलेक्शन अनाउंस हो जाता है तो सयुक्त किसान मोर्चा के तहत भाजपा का विरोध किया जायेगा और गावों में भाजपा का वाहिष्कार भी किया जायेगा। क्यों कि भाजपा किसानों को अगर दिल्ली आने से रोकती है इस लिए हम भी उसे अपने गावों में आने से रोकेंगे।
इसी के साथ SKM हर प्रान्त में अन्य जन संगठनों के साथ भी तालमेल करेगा तथा इसे एक पूरी मुहीम बनाएगा।

प्रश्न.  आज का ये कॉल एक दिन का था आप पक्का मोर्चा नहीं लगाएंगे ?
उत्तर मैं ये कहना चाहता हूँ कि इस किसान आंदोलन को एक कंटिन्यूटी में देखना पड़ेगा, हम पिछली बार जब बॉर्डरों से उठे तब से लगातार हमारी मांगो को लेकर skm के बैनर के तले कुछ न कुछ कर रहें हैं. कभी हम गवर्नर को ज्ञापन देते हैं, कभी टेक्टर मार्च करते हैं तो SKM लगातार सक्रिय है। दूसरा आज का ये कॉल सिर्फ सरकार को मैसेज देने के लिए था कि आप किसानों को लगातार परेशान कर रहें हो, हमारी मांगो की तरफ ध्यान नहीं दे रहें हो, हमारी सुन नहीं रहें हो तो अब चुनावों में किसान भी अब आपकी नहीं सुनेगा। आप किसानों को दिल्ली आने से रोकतो हो तो अब हम भी आपको अपने गावों में आने से रोकेंगे.

Farmer protest

प्रश्न. तो आप चुनावों में भाजपा का विरोध करेंगे ?
उत्तर भाजपा का और उसके गठबंधन दलों का भी. किसान मजदूरों के मुद्दे पेंडिंग तो हैं ही उसके साथ साथ देश के और मुद्दे भी है जैसे कि राम मदिर का मुद्दा, CAA को इम्प्लीमेंट करना, इलेक्ट्रोरल बांड, ये सब मुद्दे भी है क्यों कि हम किसान मजदूर तो हैं ही उसी के साथ हम देश के नागरिक भी हैं और जैसा कि यहाँ बहुत से वक्ताओं ने बोला कि देश में फासिवाद आ रहा है तो ये हम सबकी जिम्मेदारी है कि उसे रोके। तो फासिवाद को रोकने के लिए, कोरपोरेट को कृषि से रोकने के लिए, अपनी ज़मीनों को बचाने के लिए मोदी को रोकना पड़ेगा. तो इस लिए हम लोकसभा चुनावों में भाजपा का सीधे विरोध करेंगे। भले ही सबके तरीके अलग अलग हो।

प्रश्न. आप कह रहें हैं कि किसानों के जो पुराने मुद्दे पेंडिंग थे आप सरकार को याद दिलाने के लिए आज यहाँ पर इक्क्ठा हुए हैं। एक बार आप सिलसिलेबार ढंग से बताएँगे कि आपके वो कौनसे मुद्दे हैं?
उत्तर जब हम पिछली बार मोर्चे से उठे थे तब कानूनों की वापसी के आलावा MSP की लीगल गारंटी का एक प्रमुख मुद्दा था.लखीमपुर खीरी के पीड़ित किसानों को न्याय दिलाना. इसी के साथ हमने SKM ने किसानों के और भी ज्वलंत मुद्दों को जोड़ा जैसे कि किसानों की कर्जा मुक्ति, किसान पेंशन, फसल बीमा।

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